नई दिल्लीः संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा के अवसर पर संसद में विशेष तौर पर चर्चा हुई। इस दौरान सभी दलों के नेताओं ने संविधान पर अपनी बात रखी। इस चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शामिल होते होते संविधान, संशोधन, कांग्रेस, महिलाओं के उत्थान को लेकर चर्चा की। संविधान पर संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने 11 संकल्प गिनाए। जिसे भविष्य के संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता खत्म हो। देश के कानूनों और परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व का भाव पैदा हो। देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व हो, देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्त कर लोकतंत्र को मजबूत बनाएं।
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